“हे बापू” दो शब्द…
हमारे देश में भी बापू को लेकर अच्छी खासी खेमे बंदी हैं। बहुतेरे लोग समर्थन में हैं तो एक तबका मुंह । बिचकाता है। सबसे बड़ा सच यह है कि बापू के व्यक्तित्व एवं कर्म को जाने बगैर लोग तलवारें भांज रहे हैं। मैं सभी से हाथ जोड़ प्रार्थना करता हूं कि पहले हम बापू
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